Tuesday, 27 August 2019

आयुर्वेद में गांजर के चमत्कार

              गाजर खाने से होने वाले फायदे  

  •              गाजर खाने से क्या क्या फायदे होते हैं । गाजर खाना चाहिए ।गाजर खाने से स्वास्थ्य ठीक रहता है। गाजर खाने की निम्न फायदे नीचे दर्शाए जा रहे हैं।
  •       1   आधा सिर दर्द होने पर :-  आधा सिर दर्द होने पर गांजर के पत्ते का पानी गर्म करके नाक और कान में डालें।
  •      2   पथरी होने पर :- गाजर के बीज और शलजम के बीज 20 -20 ग्राम ले और मूली को अंदर से खोखला कर के गर्म राख में भुरते की तरफ भून ले। जब भून जाए तो बीज निकालकर पीस लें।6 ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ एक महीना खाए बंद पेशाब खुलेगी और पथरी टूटकर निकल जाएगी।
  •       3   माहवारी के लिए  : - गाजर के बीज 30 ग्राम कूटकर 500 ग्राम पानी में उबाले ,जब पानी आधा रह जाए तो थोड़ी शक्कर डालकर दो-तीन दिन पिलाए, महावारी खुलकर आती है।
  •        4  जिगर की गर्मी :- गांजर 100 ग्राम ,गुड100 ग्राम, तीन पाव पानी में रात को आग पर पका ले । जब गाजर गल जाए तो सुबह चांदी के दो वर्क लगाकर खाए । जिगर की गर्मी और पीलिया को फायदा होगा। दस दिन खाए दिल को ताकत देती है।
            5   ताकत के लिए :- 1 किलो गांजर कद्दूकस में घिस लें।फीर 4 किलो दूध में पका ले ।चीनी आधा किलो डाल जब दूध सूख जाए तो एक बार देसी घी और 5 अंडे डालकर भूल ले । रोजाना 60 ग्राम खाकर ऊपर से दूध पी ले। एक महीना खाए। मर्दाना ताकत के लिए बढ़िया चीज है ।दिमाग भी ताकत देता है।
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Monday, 26 August 2019

तितली की दोस्ती

                       तितली की दोस्ती.                                                     ======×=======.                                                        एक सुंदर बगीचा था। जिसका नाम मधुबन था। तिल्ली और तेजी नाम की दो तितलियां भी   यही रहती थी। दोनों ही मेहनत करती थी। दिनभर फूलों का रस इकट्ठा करती थी। धूप हो या बारिश हो अपने काम में जुटी रहती थी। तिल्ली का रंग रूप आकर्षक नहीं था। प्रथम दृष्टि से देखने पर तिल्ली किसी को भी अच्छी नहीं लगती थी। पर कोई एक बार उससे बात कर ले तो उससे दोस्ती किए बिना नहीं रह पाता। उसकी बातों में सम्मोहन था सभी उसके व्यवहार की खूब तारीफ करते थे।
          वहीं दूसरी ओर तेजी की सुंदरता को देखकर कोई भी सम्मोहित हो जाता था। उसका इंद्रधनुषी रंग रूप किसी को भी उसके और खींच लेता था। भले ही तेजी मधुबन के सबसे सुंदर तितली थी पर उसका व्यवहार उतना ही कड़वा था। कोई भी उससे एक बार बात कर लेता तो उसे दोबारा बात करने का मन नही करता।तेजी को अपनी सुंदरता पर घमंड था।
            उसके इसी घमंड ने उसे पूरे मधुबन में अलोकप्रियता बना दिया था। तिल्ली हमेशा तेजी से मित्रता करना चाहती थी। उसनें कई बार कोशिश भी की। लेकिन हर बार तेजी उसे अपमानित करती थी। तेजी ने कई बार तिल्ली को तितलियों के समूह के बीच में खिल्ली उड़ाई थी। वह तिल्ली के रंग रूप को लेकर बयान करती थी। इसके बावजूद तिल्ली के मन में तेजी को लेकर किसी प्रकार का संदेश नहीं हुआ उसने हमेशा तितली को अपना मित्र ही समझा।                                                एक बार मधुबन में कुछ लोग आ गए थे। उनके हाथों में जालिया थी ।वे खोज खोज कर सुंदर और रंगीन तितलियों को जाल में फंसा रहे थे ।जो तितलिया सुंदर नहीं थी उसे उड़ा देते सभी तितलियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया था ।तिल्ली भी घर में दुखी रहती ।थी 3 दिन से उसने कुछ खाया पिया नहीं था ।जब तिल्ली को ये बात पता चला तो वह तुरंत तेजी के पास गई ।उसने तेजी की ओर पीने को फूल का रस बढ़ाया पहले तेजी सोचने लगी। फिर उसने सारा रस एक ही घूंट में पीलिया ।तब जाकर उसकी जान में जान आई वह थोड़ा शर्मिंदा भी थी। उसने तिल्ली से कहा मैंने हमेशा तुम्हारा मजाक उड़ाया है। लेकिन आज तो अपने मेरी जान बचाई है। यह एहसास मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकती। तिल्ली बोली  मैं तुम्हें हमेशा अपना दोस्त समझा है ।मैंने तो दोस्ती का पर्ज निभाया है ।यह सब छोड़ो उन शिकारियों को कैसे मधुबन से भगाए यह सोचो। हां उन धूर्त शिकारियों को भगाने ही पड़ेगा ।तेजी ने गुस्से में कहा मधुमक्खियों से मदद मांगते हैं तेजी और तिल्ली दोनों मधुमक्खी के पास मदद के लिए पहुंचे। मधुमक्खियों की रानी मदद के लिए तैयार हो गई ।रानी समेत मधुमक्खियों को सेना ने शिकारियों पर हमला कर उन्हें खदेड़ दिया। मधुबन पुनः दमक में लगा तेजी का स्वभाव पूरी तरह बदल चुका था।उसने इसका पूरा श्रेय अपने मित्र तिल्ली को दिया।

Tuesday, 20 August 2019

##आयुर्वेद के कुछ नुस्खे##

                         👌👍आयुर्वेद के कुछ नुस्खे,👍👌
  • पहला सुख निरोगी काया।दुजा सुख मान बढ़ाई और सम्मान। तीजा सुख धन दौलत आए तब काम। इन्हीं पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आप लोगों के स्वास्थ्य के लिए ,"उल्लेख ज्ञान सागर "  (ब्लॉग ) में कुछ हेल्थ संबंधी ट्रिप्स लेकर आए हैं ।इसका लाभ लीजिए और लोगों को भी बताइए। जो लाभ दाई फलों में से एक फल केला है आयुर्वेद के अनुसार केले का
    बनाना (केला)
    निम्न प्रकार प्रयोग किया जाता है।
  • 1 खासी के लिए  :-   केले के छिलके को छांव में सुखा ले या सुखा हुआ पंसारी से ले ले ।उसे तवे पर गर्म करके बारीक पीस लें।शहद के साथ एक चम्मच सुबह -शाम लेने से पुरानी से पुरानी खांसी ठीक हो जाएगी।
  • 2  मुंह के छालों के लिए:- जबान पर छाले पड़ने पर गाय के दूध की दही के साथ केला कुछ दिन इस्तेमाल करें फायदा होगा।
  • 3 नकसीर के लिए:-  एक पका हुआ केला ले शक्कर मिलाकर दूध के साथ लगातार 8 दिन तक खाएं फायदा होगा।
  • 4  मोटा होने के लिए:-   दो केले ऊपर से 250 ग्राम दूध 2 महीने तक पिए मोटे हो जाएंगे।
  • इसी प्रकार इस ब्लॉग में आपको प्रतिदिन हेल्थ से संबंधित एक-एक फल की जानकारियां प्रदान की जाएगी। इस ब्लॉग पर बने रहिए।

*💐बादल बोला💐*

                          ----बादल बोला----                     बादल बोला पानी भर कर, 

लाया हूं मैं माली जी ।

कलियों से, फूलों से कह दो

मैं आया हूं माली जी।

माली बोला- भले पधारे ,

आया हूं मैं माली जी ।

 उमड़ घुमड़ कर रहो बरसते ,

मन हर्षा दो माली जी।

माली जी और बादल जी,

बादल जी और माली जी।

दोनों मिलकर के धरती पर,

फैलाते हरियाली जी।

दोनों अगर रूठ जाए तो

दुनिया खाली -खाली जी । 

दोनों खुश हो तो क्या कहने,

बजे घं।ट हरियाली जी       

Saturday, 17 August 2019

विज्ञान का युग

  •              विज्ञान के युग में मानव कहां से का
  • 1 पहले मनुष्य कूए का मेला पानी पी कर 100 साल तक जीवित रहता था।
  •  अब मनुष्य आरो का पानी पीकर 40 वर्षों तक स्वस्थ रहता है।
  • 2 पहले मनुष्य डली वाला नमक खाकर 100साल स्वस्थ रहता था ।
  • परंतु आज आयोडीन युक्त नमक खाने पर 40 साल में हाथ पैर कमर दर्द होने लगते हैं।
  • 3.  पहले मनुष्य घानी का मेला तेल खा कर 100 साल तक स्वस्थ रहता था ।
  • परंतु आज फिल्टर का तेल खाने पर भी कमजोर महसूस करता है
  • 4 . पहले की नारियां 8 बच्चों को जन्म देने के बाद भी 80 साल की उम्र में खेतों में काम करती थी ।

  • परंतु आज की नारियां डॉक्टर के देख भाल में रहने के बाद भी पेट चीरकर बच्चा निकाला जाता है।
  • 5.  पहले गूड से बनी हुई मिठाइयां खाया करते थे स्वस्थ रहते थे ।
  • और शक्कर की बनी मिठाई खाने पर शुगर होने लगी है।
  • 6.  पहले के व्यक्ति नीम बबूल कोयले से दातों को चमकाते थे 80 वर्ष तक चबा चबा कर खाते थे ।
  • आज के व्यक्ति पेप्सोडेंट कोलगेट आदि से मंजन करते हैं और दांत दर्द से परेशान रहते हैं।
  • 7. पहले नाड़ी देखकर बीमारियां बता दिया करते थे।
  •  परंतु आज हम बड़ी-बड़ी मशीनों से बीमारियों की जांच नहीं होती है।
  • 8. पहले बुजुर्गों के घुटने कमर नहीं दुखा  करते थे परंतु आज जवानों के घुटने और कमर दुखते हैं।
  • 9.  पहले लोग 100 वाट का बल्ब जलाते थे और ₹200 बिल देते थे ।आज 9 वाट का बल्ब जलाते हैं और ₹2000 बिल देते हैं ।   ""यह है विज्ञान।''''

Friday, 16 August 2019

💐🎂हास्य व्यंग बीरबल की पहेली🎂💐

                                                                                                                                ःः ःः  वाह क्या बात हैःःःः

             एक बार बादशाह अकबर ने गाजर का हलवा बनवाया ।रसोई ने बहुत बढ़िया हलवा बनाया। बादशाह अकबर ने हलवे की खूब तारीफ की। बादशाहा बोले - बीरबल गाजर भी कषमाल की सब्जी है । ''जी महाराज । गांजर के क्या कहने । इस जैसी सब्जी तो दुनिया भर में नहीं । ''बीरबल ने कहाँँ दो-तीन दिन लगातार गाजर का हलवा और सब्जी खाकर बादशाह का मन भर गया ।
"अरे हटाओ इसे ,गाजर के हलवेऔर सब्जी को।
 खाने के समय गाजर का हलवा देखकर बादशाह चिल्लाए। जी महाराज ,भला यह भी कोई सब्जी है ,जिसे इतना खाया जाए।. बीरबल बोले ''क्या कह रहे हैं आप ?अभी परसों तो आप इसे दुनिया की सबसे बढ़िया सब्जी बता रहे थे।.. बादशाह गुस्से में बोले ।           .                             .महाराज मैं तो आपका दास हूं गांजर का नहीं बीरबल ने हंसते हुए कहा 
यह सुनकर बादशाह भी हंस पड़े।

Wednesday, 7 August 2019

वृक्षारोपण

                           

                    💐-: वृक्षारोपण :-💐

रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर वृक्षारोपण किया जाना है

  भाई बहन के प्यार का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन ।यह त्यौहार प्रति वर्ष सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है ।इस पवित्र त्यौहार में भाई बहन का  प्यार होता है। इस पवित्र त्यौहार पर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। अर्थात रक्षा का सूत्र बादती है ।और इस  रक्षा सूत्र के बदले भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है ।इस पवित्र शुभ अवसर पर पृथ्वी मां को हरी-भरी बनाने हेतु वृक्षारोपण का भी विशेष महत्व है ।धरती मां का श्रंगार करने हेतु इस पावन त्यौहार पर अधिक से अधिक वृक्ष लगाना ना भूलें ,जितने अधिक वृक्ष लगेगे उतने ही धरती मां हरी भरी होगी ।और उतने ही अधिक हमारे जीवन में खुशहाली  इस पवित्र त्यौहार पर बहान अपने भाई के कलाई पर राखी बनती है ।भाई की लंबी उमर की कामना करतेे हैं .जिस प्रकार भाई बहन का प्यार अमर उसी प्रकार वृक्षारोपण कर धरती मां के प्यार को भी अमर बनाए।

                     

Monday, 5 August 2019

*****💐 कहानी बुद्धि का फल💐*****

बादशाह अकबर के दरबार में लंका के राजा ने एक दूत पहुंचाया । उसने बादशाह अकबर से एक नई तरह की मांग की महाराज आप हमें एक घड़ा भर बुद्धि दे दीजिए। हमारे महाराज को पूरा भरोसा है कि आप इसकी व्यवस्था कर देंगे।
यह सुनकर बादशाह अकबर चकरा गया। उन्होंने अपने मन में सोचा क्या बेतुकी बात है ,क्या घड़ाभर बुद्धि का बंदोबस्त कैसे किया जा सकता है ।तब उसे बीरबल  याद आया !बुलाकर कहा क्या घड़ाभर बुद्धि की व्यवस्था हो सकती है ।जब बीरबल ने हंसकर कहा।,, आलम पनाह,, चिंता की कोई बात नहीं , बुद्धिकी  व्यवस्था हो जाएगी , लेकिन इसमें कुछ हफ्तों का समय लगेगा ।बीरबल को मुंह मांगा समय दे दिया गया ।
बीरबर ने उसी दिन शाम को अपने एक खास नौकर को आदेश दिया। छोटे मुंह वाले कुछ मिट्टी के घडो की व्यवस्था करो। नौकरों ने फौरन जाकर छोटे मुंह वाले घड़े ले आए। और बीरबल ने उन घडो को लेकर के कद्दू के बेल के पास गया ,,और उन घडो को कद्दू के फूल पर उल्टा रख दिया गया ।जैसे ही कद्दू घड़े के बराबर हुए बीरबल ने राजा से कहा बादशाह बुद्धि का घड़ा तैयार है ।अकबर ने बीरबल की प्रशंसा करते हुए कहा तुमने अपना काम बड़ी चालाकी से निभाया इसके लिए तुम्हें इनाम दिया जाएगा ।
इसके बाद बीरबल ने लंका के दूध को बादशाह अकबर के दरबार में बुलाया .और बुद्धि का घड़ा सौंप दिया ।बीरबल ने दूध से कहा कि आपके महाराज को कहना की घड़े से बुद्धि निकालकर घड़ा यथावत वापस किया जाए ।और इस बुद्धि का तभी फल प्राप्त होगा जब घड़े को कोई नुकसान ना पहुंचे। इस पर दूत ने बीरबल से पूछा-'' हुजूर ।क्या मैं इस बुद्धि के फल को देख सकता हूं। हां ,,,,हां ,,,,,,जरूर बीरबल ने अपनी गर्दन हिलाते हुए कहा -,,और हां ,,अगर आप के राजा को कुछ और बुद्धि की आवश्यकता पड़े तो ऐसे पाच घडे हमारे पास और तैयार है ।परेशान होते हुए दूत ने मन ही मन सोचा -"हमारी भी मति मारी गई है।
घडा लेकर दूत के जाते बादशाह अकबर भी अपनी उत्सुकता को ना दबा सके। वे फौरन बोल उठे -"बीरबल बुद्धि का फल हमें भी तो दिखाओ।
"अभी मंगाई देता हूं आलम पनाह !बीरबल ने उत्तर दिया।
बादशाहो के कहते ही घडा मंगवा दिया ।जैसे ही उन्होंने घड़े में झांका तो उन्होंने पूरा का पूरा घड़ा कद्दू से भरा पाया। देखते ही बादशाह को हंसी आ गई। वे बीरबल की पीठ थपथपा कर कहने लगे ।" मान गए भाई !तुमने भी बुद्धि का क्या शानदार फल पेश किया। लगता है, इसे पाकर लंका के राजा को बुद्धिमान होंगे मैं तनिक भी देर नही लगेगी।"

Saturday, 3 August 2019

🎂💐👌 कहानी शिक्षाप्रद👌💐🎂

पार्वती जी अपने स्वामी से कहती है। हे भोलेनाथ, सभी का अपना अपना आलीशान महल है। सभी अपने  अली सोंन महलो में आराम से रहते हैं ।और मैं आपके साथ जंगल पहाड़ों में रहती हूं ।मुझे भी एक सुंदर महल चाहिए !
तब भोलेनाथ जी कहते हैं ।आपको महल की क्या आवश्यकता है देवी ।हमारे लिए तो कैलाश पर्वत ही महल है ।तब पार्वती जिद करती है। 
 भोलेनाथ जी कहते हैं अच्छा आपको महल बनवा देते हैं रातों-रात भगवान विश्वकर्मा जी को बुलवाकर विशाल महल का निर्माण करवाया जाता है पार्वती जी ने महल  को देखकर बहुत खुश होती है ।महलके उद्घाटन में सभी देवी देवताओ राजा महाराजाओं को बुलाया जाता है।
 उसी समय ब्रह्मा जी महल को देखते हैं ।उसी समय पार्वती जी ब्रह्मा जी से पूछती है ।देव क्या देख रहे हो आपको महल पसंद नहीं आया तब ब्रह्माजी कहते हैं ।मुझे इसमें शनि दोष दिखाई दे रहा है ।तभी पार्वती जी चिंतित हो जाती है और अपने स्वामी से कहती है कि महल में शनि की कु दृष्टि है। तब शंकरजी बोलते हैं ,मैं जाता हूं और शनिदेव से पूछ कर आता हूं ,यदि शनि देव बोलते हैं तो मैं जैसे ही डमरु बजा लूंगा आपने इस महल में आग लगा ,देना अन्यथा मैं वापस आ जाऊंगा ।
इसी प्रकार भोलेनाथ जी शनि भगवान के पास पहुंचते है ।और उसे पूछते है ,क्या मेरे महल पर आपकी कु दृष्टि है तो भोले भगवान को शनि देव बड़े प्रसंता से जवाब देती है ।और कहते हैं भगवान आप से बढ़कर मेरी कु दृष्टि कहां इस पर भोलेनाथ प्रसन्न होकर शनिदेव से कहते हैं ।मैं प्रसन्न हूं ।मांगो क्या वरदान चाहते हो  ।तब शनि देव कहते हैं एक बार आपका नृत्य दिखा दो मैं आपका नृत्य देखना चाहता हूं ।उसी समय भोलेनाथ अपना डमरु  जोर जोर से बजाते हुए डांस करने लगतलगते है। पार्वती जी समझ गई कि जरूर सूर्य देव की कु दृष्टि है ।
डमरु बजते ही पार्वती जी ने अपने महल में आग लगा दी और अपने महल को जलाकर राख कर दिया। जब भोलेनाथ आए तो कहने लगे ।देवी आपने यह क्या कर दिया। शनि देव की तो किसी प्रकार की कोई गलती नहीं थी। परंतु उन्हें मुझे वजन मांग लिया था ,मैंने उन्हें डांस दिखाया और डमरु बजा दिया ।इसीलिए मैं कह रहा था कि अपने को महल की क्या आवश्यकता है ।
 इससे हमें  शिक्षा मिलती है कि,  एक महिला दूसरी महिलाओं को देखकर जलती है ।यहां तक कि देवीया भी इससे प्रभावित है ।यहां माता पार्वती जी ने स्वयं अन्य लोगों का महल देख कर अपना महल बनवाया ।और इससे अपने ही हाथों आग लगा दी ।इसीलिए कहते हैं की ,देखाशिखी कोई कार्य नहीं करना चाहिए ।अच्छी तरह सोच समझ कर कार्य करना चाहिए।

Friday, 2 August 2019

।।।।।।।।।।।।।-# भ्रष्टाचार पर कव्वाली #-।।।।।।।।।।।।

दीपावली के शुभ अवसर पर पापा अपने परिवार को दीपावली गिफ्ट आइटम हेतु कव्वाली के माध्यम से संदेश भेजते हैं।
पापा ने अपनी बेटी को फोन घुमाया । 2।और कहा बेटी में देखना चाहता हूं, तुम्हारा मुस्कुराना आज गिफ्ट में क्या लाना है जरा मुझको बताना।
बेटी समझदार थी बेटी ने क्या कहा जरा ध्यान से सुनना।
पापा बेशक बदल गया है जमाना ,पापा बेशक बदल गया है जमाना ।भले ही मेरे लिए महंगा गिफ्ट आइटम मत लाना ।पर सारी दुनिया के पापाओ को यह बतलाना हम बेटियां भी चाहते हैं खिलखिलाना ।कभी कोई पापा अपनी बिटिया को गर्भ में ना मिटाना।
इसके पश्चात पापा ने अपने बेटे को फोन लगाया ,और कहा।
पापा ने अपने बेटे को फोन घुमाया ,पापा ने अपने बेटे को फोन घूम आया ,और कहा ।बेटा आप भी बता दो दीपावली के गिफ्ट आइटम मे क्या है लाना।
तो बेटा ने क्या सुंदर जवाब दिया, जरा ध्यान से समझना।
पापा मेरे लिए गिफ्ट आइटम ना लाना । पर सारी दुनिया के पापाओ को यह समझाना कि आप जिस गद्दी पर बैठे हो उसकी लाज निभाना। कहीं भ्रष्टाचार की लिस्ट में अपना नाम न लिखवाना शायद मेरे लिए गिफ्ट आइटम ना लाना।
इसके पश्चात पापा अपने बूढ़े मां-बाप को फोन लगाकर गिफ्ट आइटम का ग्रह कहते हैं ।तब बूढ़े मां-बाप क्या जवाब देते हैं ,
पापा नेअपनी बूढ़ी मां को फोन घुमाया ।।पापा ने अपनी बूढ़ी मां को फोन घुमाया और कहा मां बाबा से पूछ कर बताना ।,दीपावली का गिफ्ट आइटम क्या है लाना।
तब बूढ़ी मां ने क्या जवाब दिया जरा ध्यान से समझना।
बूढ़ी मां ने कहा बेटा हमारे लिए गिफ्ट आइटम ना लाना ।बेटा हमारे लिए गिफ्ट आइटम ना लाना ।पर सारे पापा ओं को यह समझाना कि जब तक बुढी मांं और दादा जिंदे है कभी आंगन में दीवार ना बनाना। बेझिझक गिफ्ट आइटम ना लाना।
इस प्रकार एक कव्वाली के माध्यम से भ्रष्टाचार कोसमझाया गया है।

Thursday, 1 August 2019


  • समय समय की बात है, भाग्य रहे अनकूल।                    पांंव  तले  के  गोखरू बन  जाते  हैं फूल ।।