विदुर महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं ,और एक दासी पुत्र थे इसलिए उन्हें राजा बनने का अधिकार नहीं था । लेकिन अपनी इंटेलिजेंस और नॉलेज के दम पर भी हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री बने थे ।चाहे उन्हें राजा के विरोध का सामना करना पड़े इसलिए धर्मराज भी कहा जाता था ।और टाइम के अनुसार राज्य की भलाई और सफलता के लिए अपनी नीतियां बनाते थे ।और राजा धृतराष्ट्र के साथ और नीतियों पर चर्चा करते थे , सदा अच्छी चीजों का चिंतन करना चाहिए विदुर जी कहते हैं कि जिस चीज के बारे में हम अक्सर सोचते हैं ,बातें करते हैं ,और उसकी तरफ काम करते हैं ,उन्हीं चीजों को हम अपनी और आकर्षित कर लेते हैं जैसे अगर आप दिनभर अपनी किसी प्रॉब्लम के बारे में सोचते रहें और उस से रिलेटेड बातें करते रहे ,तो फिर आपकी प्रॉब्लम कम होने की जगह और बढ़ जाएगी ।वहीं अगर आप उस प्रॉब्लम के सलूशन के बारे में सोचें और उसका सलूशन खोजे तो फिर जल्दी आपकी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी। अगर आप अमीर बनना चाहते हैं तो अमीरी के बारे में सोचें ।इस से रिलेटेड बुक्स पढ़ें यूट्यूब पर वीडियो देखें ऐसे लोगों की बातें सुने जो सक्सेसफुल तथा अमीर है ।और नॉलेज हासिल करें इसके ठीक ऑपोजिट अगर आप बस अपनी गरीबी को कोसते रहेंगे दुखी रहेंगे। और कंप्लेंट करते रहेंगे तो बदले में आपको वही चीज मिलेगी ।यानी कि गरीबी कहा जाए तो यहां हजारों वर्ष पहले ही लॉ ऑफ अट्रैक्शन के नियम को बता दिया था जिसे आजकल के बड़े-बड़े विद्वान और सक्सेसफुल लोग भी अपनी जिंदगी में हर जगह यूज करने की बात करते हैं। द्वारा लिखित विश्व प्रसिद्ध किताब द सीक्रेट पर आधारित है। अगर आप भी अपने लाइफ में सक्सेस चाहते हैं तो विदुर नीति के इस नियम को अपने जीवन में उतारें ।
2 :- दूसरा नियम जो अधिक सुने और कम बोले वह बुद्धिमान मनुष्य कहलाता है ।आप अगर दुनिया के सबसे सक्सेसफुल और इंटेलिजेंट लोगों की एक हैबिट पर ध्यान दें ,तो आप पाएंगे कि सारे ही सक्सेसफुल लोग अक्सर कम बोलते हैं। और सुनने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सक्सेसफुल लोग एटीट्यूड वाले होते हैं वह हर वक्त कुछ ना कुछ हर किसी से सीखते रहते हैं ।उन्हें पता होता है कि ज्यादा बोल कर वह बस वही बातें जान सकते हैं ।जो वह पहले से जानते हैं ,जबकि दूसरों की बातें ध्यान से सुनकर कुछ ऐसा नया सीख सकते हैं जिससे वे और ज्यादा सक्सेसफुल बन सकते हैं ।यही बात अपने नियम द्वारा बताने की कोशिश की है ।इसलिए अगर आपको और इंटेलिजेंट बनना है तो किसी से भी बात करते वक्त बोलने से ज्यादा आपको सुनने पर ध्यान देना चाहिए और विदुर नीति के इस प्रमुख नियम को अपने लाइफ में उतारना चाहिए ।
3 :- तीसरा नियम बुरे लोगों के साथ रहने पर बेकसूर लोग भी उन्हीं के समान सजा पाते हैं ।जैसे की सूखी लकड़ियों के साथ गीली भी जल जाती हैं। इसलिए बुरे लोगों के साथ मित्रता नहीं करनी चाहिए ।महा ज्ञानी विदुर के अनुसार यदि आप बुरे या अपराधी लोगों के साथ दोस्ती रखते हैं तो आप बिना किसी कारण के मुसीबत में फंस सकते हैं। जैसे कि अगर आपका दोस्त कोई अपराध किया गलत काम करता है तो आप उसके साथी और दोस्त हो तो भले ही आपने कोई गलती ना की हो लेकिन फिर भी आपको उसी के समान सजा मिल सकती है ।जैसे की सूखी लकड़ियों के साथ गीली लकड़िया भी जल जाती हैं चाहे स्कूल लाइफ हो प्रोफेशनल लाइफ हो या नॉर्मल डे टुडे लाइफ यह बात पूरी तरह से सही है ।जैसे कि कभी-कभी क्लास में एक बच्चे की गलती के कारण पूरी क्लास को सजा मिलती है। या फिर आपका कोई दोस्त राह चलते किसी लड़की या महिला को छोड़ दे ,और आप उस वक्त उसके साथ हो तथा वह महिला पुलिस में कंप्लेंट कर दे ।तो आपके दोस्त के साथ साथ आप पर भी पुलिस केस बन सकता है। भले ही आपने ऐसी कोई गलत हरकत ना की हो इसलिए हमेशा ऐसे लोगों या दोस्तों से दूर ही रहने की सलाह देते हैं ।जो कभी भी आपको किसी अनजान मुसीबत में डाल सकते हैं।
4:- चौथा नियम जो काम करके अंतकाल में अकेले बैठकर पछताना पड़े उसे शुरू ही नहीं करना चाहिए। ऐसा होता है कि हम बिना सोचे समझे या किसी के बहकावे में कोई काम शुरू तो कर देते हैं ,लेकिन बाद में जाकर हमें पछताना पड़ता है ।कि हमने यह काम क्यों शुरू किया इसलिए हमेशा ऐसा काम करें जिसके बारे में आपको अच्छी नॉलेज हो और जिसमें आपको कुछ ना कुछ एक्सपीरियंस हो आप जो काम करना चाहते हैं ।उस से रिलेटेड आपके पास कोई नॉलेज या एक्सपीरियंस ना हो तो पहले उस काम की नॉलेज हासिल करें ऐसे लोगों से सीखे जो उसका महफिल में सक्सेसफुल है। बिना सोचे समझे किसी को देख कर कोई काम शुरु ना करें वरना आप उस काम में कभी भी सफल नहीं हो पाएंगे ।वहीं दूसरी और आपका इन्वेस्टमेंट टाइम तो बर्बाद होगा ही साथ ही साथ आपको अपने घर वालों दोस्तों और रिश्तेदारों के क्रिटिसिज्म का भी सामना करना पड़ेगा। इससे भी बुरी चीज यह हो सकती है कि इन सब चीजों के डर के कारण आप फिर कभी कोई नया काम शुरू ही ना करें। इन लोगों को नींद और भय क्रोध आलस्य तकदीर से काम करने की आदत इन 6 बुरी आदतों को हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए ।दुनिया में हर इंसान सक्सेसफुल होना चाहता है ,अमीर बनना चाहता है ,लेकिन ज्यादातर लोग अपनी किसी ना किसी बुरी आदत की वजह से गरीबी और बेरोजगारी के दलदल में फंसे रहते हैं ।यहां ऐसी ही 6 बुरी आदतों के बारे में बताया है ।जो हमें सक्सेसफुल और अमीर बनने से रोकते हैं ।जरूरत से ज्यादा नींद बोरियत गुस्सा वाला स्टेशन यानी कि किसी भी काम को देर से करने या टालमटोल करने की आदत अगर आप जरूरत से ज्यादा नींद से प्रेम करते हैं ।तो आपके सारे काम छूट जाएंगे और अगर सक्सेस से प्रेम करते हैं तो जरूरत से ज्यादा नींद और आलस को अपना दुश्मन बनाना ही पड़ेगा साथ ही साथ देरी से काम करने और हर जगह देर से पहुंचने के कारण मिलने वाली सफलता भी हाथों से निकल जा ती है। जैसे कि अगर आप किसी नौकरी के इंटरव्यू में देर से पहुंचते हैं तो क्या पता आप की देरी के कारण वह नौकरी किसी और को मिल जाए ।दूसरी तरफ टेनशन और गुस्सा इंसान की असफलता के सबसे प्रमुख कारण है। डर के कई रूप होते हैं जैसे चीजों के खोने का डर यही डर आपके अंदर घुसे और टेनश को भी जन्म देता है। विदुर नीति के अनुसार अगर आप अपनी इन छह बुरी आदतों को छोड़ देते हैं। तो आप भी सक्सेसफुल बन सकते हैं। उसका तो कभी विश्वास किया ही नहीं जाना चाहिए पर जो विश्वास के योग्य नही है उस पर भी अधिक विश्वास नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि जब विश्वास टूटता है ।तो बहुत पीड़ा होती है दूसरों पर विश्वास करना एक बहुत ही इंपॉर्टेंट ह्यूमन नेचर है ।विश्वास ही हर रिश्ते की नींव होती है ,चाहे वह पर्सनल हो या फिर प्रोफेशनल जैसे कि जब आप किसी को पैसे देते हैं, या किसी से पैसे लेते हैं, या बाजार से किसी ब्रैंड का कोई सामान खरीदे हैं। या बीमार पड़ने पर किसी डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाते हैं। तो विश्वास हर जगह काम करता है लेकिन मान लीजिए अगर आप किसी को पैसे उधार दे ,और वह वापस ना लौट आए तो क्या आप उसे फिर कभी उधार देने की बात सोच सकते हैं। या अगर आप किसी ब्रैंड का सामान खरीदें और वह घटिया क्वालिटी का निकले तो क्या आप फिर कभी उसका सामान खरीदेंगे ?शायद बिल्कुल नहीं, यही बात हमें विदुर नीति की इस नियम से पता चलती है कि कभी भी दूसरों पर आंख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए। खासकर ऐसे लोग जो बिल्कुल भी भरोसे के लायक ना हो बल्कि वह यहां तक कहते हैं। कि अगर कोई व्यक्ति भरोसे के लायक हो तब भी उस पर हद से ज्यादा ट्रस्ट नहीं करना चाहिए ।क्योंकि अगर आप किसी पर जरूरत से ज्यादा ट्रस्ट करते हैं और आगे चलकर कभी आपका ट्रस्ट तोड़ता है तो आप इस चीज को कर पाएंगे औ कभी आपका ट्रस्ट तोड़ता है तो आप इस चीज को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे । आपको बहुत दुख
3 :- तीसरा नियम बुरे लोगों के साथ रहने पर बेकसूर लोग भी उन्हीं के समान सजा पाते हैं ।जैसे की सूखी लकड़ियों के साथ गीली भी जल जाती हैं। इसलिए बुरे लोगों के साथ मित्रता नहीं करनी चाहिए ।महा ज्ञानी विदुर के अनुसार यदि आप बुरे या अपराधी लोगों के साथ दोस्ती रखते हैं तो आप बिना किसी कारण के मुसीबत में फंस सकते हैं। जैसे कि अगर आपका दोस्त कोई अपराध किया गलत काम करता है तो आप उसके साथी और दोस्त हो तो भले ही आपने कोई गलती ना की हो लेकिन फिर भी आपको उसी के समान सजा मिल सकती है ।जैसे की सूखी लकड़ियों के साथ गीली लकड़िया भी जल जाती हैं चाहे स्कूल लाइफ हो प्रोफेशनल लाइफ हो या नॉर्मल डे टुडे लाइफ यह बात पूरी तरह से सही है ।जैसे कि कभी-कभी क्लास में एक बच्चे की गलती के कारण पूरी क्लास को सजा मिलती है। या फिर आपका कोई दोस्त राह चलते किसी लड़की या महिला को छोड़ दे ,और आप उस वक्त उसके साथ हो तथा वह महिला पुलिस में कंप्लेंट कर दे ।तो आपके दोस्त के साथ साथ आप पर भी पुलिस केस बन सकता है। भले ही आपने ऐसी कोई गलत हरकत ना की हो इसलिए हमेशा ऐसे लोगों या दोस्तों से दूर ही रहने की सलाह देते हैं ।जो कभी भी आपको किसी अनजान मुसीबत में डाल सकते हैं।
4:- चौथा नियम जो काम करके अंतकाल में अकेले बैठकर पछताना पड़े उसे शुरू ही नहीं करना चाहिए। ऐसा होता है कि हम बिना सोचे समझे या किसी के बहकावे में कोई काम शुरू तो कर देते हैं ,लेकिन बाद में जाकर हमें पछताना पड़ता है ।कि हमने यह काम क्यों शुरू किया इसलिए हमेशा ऐसा काम करें जिसके बारे में आपको अच्छी नॉलेज हो और जिसमें आपको कुछ ना कुछ एक्सपीरियंस हो आप जो काम करना चाहते हैं ।उस से रिलेटेड आपके पास कोई नॉलेज या एक्सपीरियंस ना हो तो पहले उस काम की नॉलेज हासिल करें ऐसे लोगों से सीखे जो उसका महफिल में सक्सेसफुल है। बिना सोचे समझे किसी को देख कर कोई काम शुरु ना करें वरना आप उस काम में कभी भी सफल नहीं हो पाएंगे ।वहीं दूसरी और आपका इन्वेस्टमेंट टाइम तो बर्बाद होगा ही साथ ही साथ आपको अपने घर वालों दोस्तों और रिश्तेदारों के क्रिटिसिज्म का भी सामना करना पड़ेगा। इससे भी बुरी चीज यह हो सकती है कि इन सब चीजों के डर के कारण आप फिर कभी कोई नया काम शुरू ही ना करें। इन लोगों को नींद और भय क्रोध आलस्य तकदीर से काम करने की आदत इन 6 बुरी आदतों को हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए ।दुनिया में हर इंसान सक्सेसफुल होना चाहता है ,अमीर बनना चाहता है ,लेकिन ज्यादातर लोग अपनी किसी ना किसी बुरी आदत की वजह से गरीबी और बेरोजगारी के दलदल में फंसे रहते हैं ।यहां ऐसी ही 6 बुरी आदतों के बारे में बताया है ।जो हमें सक्सेसफुल और अमीर बनने से रोकते हैं ।जरूरत से ज्यादा नींद बोरियत गुस्सा वाला स्टेशन यानी कि किसी भी काम को देर से करने या टालमटोल करने की आदत अगर आप जरूरत से ज्यादा नींद से प्रेम करते हैं ।तो आपके सारे काम छूट जाएंगे और अगर सक्सेस से प्रेम करते हैं तो जरूरत से ज्यादा नींद और आलस को अपना दुश्मन बनाना ही पड़ेगा साथ ही साथ देरी से काम करने और हर जगह देर से पहुंचने के कारण मिलने वाली सफलता भी हाथों से निकल जा ती है। जैसे कि अगर आप किसी नौकरी के इंटरव्यू में देर से पहुंचते हैं तो क्या पता आप की देरी के कारण वह नौकरी किसी और को मिल जाए ।दूसरी तरफ टेनशन और गुस्सा इंसान की असफलता के सबसे प्रमुख कारण है। डर के कई रूप होते हैं जैसे चीजों के खोने का डर यही डर आपके अंदर घुसे और टेनश को भी जन्म देता है। विदुर नीति के अनुसार अगर आप अपनी इन छह बुरी आदतों को छोड़ देते हैं। तो आप भी सक्सेसफुल बन सकते हैं। उसका तो कभी विश्वास किया ही नहीं जाना चाहिए पर जो विश्वास के योग्य नही है उस पर भी अधिक विश्वास नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि जब विश्वास टूटता है ।तो बहुत पीड़ा होती है दूसरों पर विश्वास करना एक बहुत ही इंपॉर्टेंट ह्यूमन नेचर है ।विश्वास ही हर रिश्ते की नींव होती है ,चाहे वह पर्सनल हो या फिर प्रोफेशनल जैसे कि जब आप किसी को पैसे देते हैं, या किसी से पैसे लेते हैं, या बाजार से किसी ब्रैंड का कोई सामान खरीदे हैं। या बीमार पड़ने पर किसी डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाते हैं। तो विश्वास हर जगह काम करता है लेकिन मान लीजिए अगर आप किसी को पैसे उधार दे ,और वह वापस ना लौट आए तो क्या आप उसे फिर कभी उधार देने की बात सोच सकते हैं। या अगर आप किसी ब्रैंड का सामान खरीदें और वह घटिया क्वालिटी का निकले तो क्या आप फिर कभी उसका सामान खरीदेंगे ?शायद बिल्कुल नहीं, यही बात हमें विदुर नीति की इस नियम से पता चलती है कि कभी भी दूसरों पर आंख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए। खासकर ऐसे लोग जो बिल्कुल भी भरोसे के लायक ना हो बल्कि वह यहां तक कहते हैं। कि अगर कोई व्यक्ति भरोसे के लायक हो तब भी उस पर हद से ज्यादा ट्रस्ट नहीं करना चाहिए ।क्योंकि अगर आप किसी पर जरूरत से ज्यादा ट्रस्ट करते हैं और आगे चलकर कभी आपका ट्रस्ट तोड़ता है तो आप इस चीज को कर पाएंगे औ कभी आपका ट्रस्ट तोड़ता है तो आप इस चीज को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे । आपको बहुत दुख

 
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