मशरूम का महत्व
कैंसर: यह प्रोस्टैट और स्तन कैंसरसे बचाता है। इसमें बीटा ग्लूकॉन और कंजुगेट लानोलिक एसिड होता है, जो कि कैंसररोधी प्रभाव छोड़ते हैं।
मधुमेहः इसमें विटामिन, लवणऔर रेशा होता है। मशरूम में वसा, कार्बोहाइड्रेट और शर्करा नहीं होती है, जो कि मधुमेह रोगियों के लिये जानलेवा है। यह शरीर में इन्सुलिन को भी बनाता है।
हृदय रोग: मशरूम में उच्च पोषण तत्व पाये जाते हैं। इसलिए यह दिल के रोग के लिये अच्छा होता है। इसमें कुछ तरह के एंजाइम और रेशे पाए जाते हैं ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं।
मैटाबॉलिज्मः मशरूम में विटामिन'बी' होता है। यह भोजन में पाये जाने वाले ग्लूकोज को बदल कर ऊर्जा पैदा करता है। विटामिन 'बी' और बी. इस कार्य के लिये उत्तम हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा: मशरूम में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट फ्री अवयव से बचाता है। यह शरीर में एंटीवायरल और अन्य प्रोटीन की मात्रा बढ़ाता है। यह कोशिकाओं के पुनः निर्माण में सहायक होता है। यह सूक्ष्मजीवी और अन्य फफूंद संक्रमण को ठीक करता है।
मोटापा कम करने में सहायकः इसमें लीन प्रोटीन होता है। यह मोटापा घटाने में बड़ा योगदान करता है। मोटापा कम करने वालों को प्रोटीनयुक्त भोजन पर रहने को बोला जाता है, जिसमें मशरूमखाना अच्छा माना जाता है।
पोषकीय महत्व
मशरूम में पोषक तत्व अधिकांश सब्जियों की तुलना में अधिक पाये जाते हैं। इसकी खेती पोषकीय एवं औषधीय लाभ के लिये की जाती है, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है:
- मशरूम में लगभग 22-35 प्रतिशत उच्च कोटि की प्रोटीन पायी जाती है, जिसकी पाचन शक्ति 60-70 प्रतिशत तक होती है।
- इसके प्रोटीन में सभी आवश्यक तत्व जैसे-अमीनो अम्ल, मेथियोनिन, ल्यूसिन, आइसोल्यूसिन, लाइसिन, थायमीन, वैलीन, हिस्टीडिन, आर्जीनिन, आदि प्राप्त होते हैं, जो दालों में भी प्रचुर मात्रा में नहीं पाये जाते हैं। इसमें कालवासिन, क्यूनाइड, लेंटीनिन, क्षारीय और अम्लीय प्रोटीन की उपस्थिति मानव शरीर में ट्यूमर बनने से रोकती है।
- मशरूम में 4-5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट्स पाये जाते हैं, जिसमें मैनीटाल 0.9, हेमी सेल्यूलोज 0.91 और ग्लाइकोजन 0.5 प्रतिशत विशेष रूप से पाया जाता है।
- ताजे मशरूम में पर्याप्त मात्रा में रेशे (लगभग 1 प्रतिशत) व कार्बोहाइड्रेट तन्तु होते हैं। यह कब्ज, अपचन, अति अम्लीयता सहित पेट के विभिन्न विकारों को दूर करता है। इसके साथ ही यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल एवं शर्करा के अवशोषण को भी कम करता है।
- इसमें वसा न्यून मात्रा (0.3-0.4 प्रतिशत) में पाई जाती है तथा आवश्यक वसा अम्ल, प्लिनोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है। प्रति 100 ग्राम मशरूम से लगभग 35 कि.ग्रा. कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।
- मशरूम में शर्करा (0.5 प्रतिशत) और स्टार्च की मात्रा अल्प होने के कारण मधुमेह रोगियों के लिये यह एक महत्वपूर्ण आहार माना जाता है।
- इसमें प्यूरीन, पायरीमिडीन, क्यूनान, टरपेनाइड इत्यादि तत्व होते हैं, जो जीवाणुरोधी क्षमता प्रदान करते हैं।
- इसमें विटामिन 'ए', 'डी' और 'के' नहीं पाया जाता है, लेकिन एर्गोस्टेरॉल पायाजाता है, जो मानव शरीर के अंदर विटामिन 'डी' में परिवर्तित हो जाता है।
- इसमें आवश्यक विटामिन जैसे-थायमीन, राइबोफ्लेविन, नायसीन, बायोटिन, एस्कार्बिकएसिड और पेंटाथोनिक एसिड पाया जाता है।
- मशरूम में उत्तम स्वास्थ्य के लिए सभी प्रमुख खनिज लवण जैसे- पोटेशियम, फॉस्फोरस, गंधक, कैल्शियम, लोहा, तांबा, आयोडीन और जिंक आदि भी प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। ये खनिज, अस्थियों, मांसपेशियों, नाड़ी संस्थान की कोशिकाओं तथा शरीर की क्रियाओं में सक्रिय योगदान करते हैं। मशरूम में लौह तत्व कम मात्रा में पाया जाता है फिर भी रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाये रखता है। इसके साथ ही इसमें बहुमूल्य फोलिक एसिड की उपलब्धता होती है, जो केवल मांसाहारी खाद्य पदार्थों से प्राप्त होता है। अतः लौह तत्व एवं फोलिक एसिड के कारण यह रक्त की कमी से गकस्त अधिकांश ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों के लिये उत्तम आहार है।
- हृदय रोगियों की आहार योजना में मशरूम को शामिल करना उपयोगी पाया गया है, क्योंकि यह शर्करा एवं कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर रक्त संचार को बढ़ाता है।
- मशरूम गर्भवती महिलाओं, बाल्यावस्था, युवावस्था तथा वृद्धावस्था तक सभी चरणों में कुपोषण से बचाव में अति उपयोगी पाया गया है।
- इसमें सोडियम वर्षट नहीं पाया जाता है जिसके कारण मोटापा, गुर्दा और हृदयघात से पीड़ित रोगियों के लिये यह महत्वपूर्ण आहार है
