एक साधे सब सधे सब साधे सब जाय :- " कहावत चरितार्थ है" जैसा कि आज के युवा पीढ़ी को समझना चाहिए'., कि एक साधे सब सधे सब साधे सब जाय को चरितार्थ करते हुए युवा विद्यार्थी को अपने एक ही लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अर्थात एक ही कार्य करना चाहिए, आज की भावी पीढ़ी अपने मुख्य कार्य को छोड़कर, पढ़ाई के साथ-साथ अन्य दूसरे कार्य भी करने में व्यस्त हो जाते हैं । परंतु मैं उन विद्यार्थियों से अनुरोध करना चाहता हूं कि ,वह अपनी पढ़ाई के साथ ऐसा दूसरा कार्य न करें ,ताकि उसे हमारा लक्ष्य से भटक सकें, हमें  एक ही कार्य पर सफलता हासिल करना है ।हमने यदि उस कार्य को साध लिया तो आगे हमारे सभी कार्य अपने आप बनते जाएंगे। जैसा कि किसी व्यक्ति ने पढ़ाई करके अच्छी नौकरी पाली ,तो अच्छी नौकरी पाने के पश्चात उसे अच्छी जगह शादी हो जाएगी ।अच्छा माहौल बन जाएगा ।अर्थात उसने एक कार्य को साधा तो आगे चलकर उसके धीरे-धीरे सभी कार्य बन गए ।यदि वह विद्यार्थी पढ़ाई करते समय एक कार्य के साथ-साथ दूसरे अन्य कार्य पर करता । तो शायद वह मुख्य कार्य से पिछड़ जाता। ना तो उसकी अच्छी पढ़ाई हो पाती, और नहीं उसके अच्छी नौकरी लगती ,और ना ही उसे अच्छे पैसे मिलते ,और ना ही उसके अच्छी पत्नी मिलती, जिस प्रकार एक कार्य साधने पर सभी कार्य बन जाते हैं इसी प्रकार या लोकोक्ति चरितार्थ होती है। इसीलिए आज के युवाओं से यह आग्रह है कि वह सभी कार्य साथ में ना करें यह कार्य पर लक्ष्य केंद्रित करके उन्हें ही पूर्ण करेंबं
 
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